मथुरा : जगदगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर दिल्ली से वृंदावन लाया गया है। प्रेम मंदिर में उनका पार्थिव शरीर रखा गया है। यहां भक्त और लोग उनके अंतिम दर्शन कर रहे हैं। 28 नवंबर को वृंदावन में यमुना तट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जगद्गुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी पिता के गोलोक गमन के 11 वर्ष बाद भी उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहीं थीं। कृपालु महाराज ने साल 2000 में ही संस्था का अध्यक्ष बना दिया था। कृपालु महाराज के दो बेटे भी हैं, जिनमें से एक घनश्याम वृंदावन के चैतन्य बिहार इलाके में रहते हैं, जबकि दूसरे बेटे प्रतापगढ़ में रहते हैं।
नोएडा में कंटेनर ने पीछे से टक्कर मारी
75 वर्षीय डॉ. विशाखा त्रिपाठी अपनी बहन श्यामा त्रिपाठी, कृष्णा त्रिपाठी, सचिव दीपक और 5 अन्य लोगों के साथ सिंगापुर जाने के लिए वृंदावन से रविवार सुबह 2 कार से निकली थीं। वह जैसे ही नोएडा के दनकौर इलाके में पहुंचीं। तभी एक अनियंत्रित कंटेनर ने उनकी कारों को पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मृत्यु हो गई। जबकि उनकी दोनों बहन घायल हो गई। जिन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया है।
3 दिन के प्रवास पर जा रहीं थी सिंगापुर
डॉ. विशाखा त्रिपाठी अपनी बहनों के साथ 3 दिन के सिंगापुर प्रवास पर जा रहीं थी। वह रात ढाई बजे वृंदावन के प्रेम मंदिर से निकलीं। उनको पहले दिल्ली द्वारिका में स्थित ट्रस्ट के गोकुल धाम मंदिर पर जाना था। जहां उनको एक उत्सव करना था। लेकिन दिल्ली पहुंचने से पहले हादसा हो गया।
अपोलो से वृंदावन लाया गया शव…3 दिन यही रखा जाएगा
हादसे के बाद तीनों बहनों को दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने विशाखा त्रिपाठी को मृत घोषित कर दिया। हादसे की जानकारी मिलते ही ट्रस्ट से जुड़े लोग अपोलो अस्पताल पहुंच गए। जिसके बाद पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया की गई। लेकिन किसी कारण देर होने के बाद उनका पार्थिव शरीर अब सोमवार को दिल्ली से वृंदावन लाया गया है।
एक लाख से ज्यादा लोग करेंगे अंतिम दर्शन
डॉ. विशाखा के अंतिम दर्शनों के लिए एक लाख से ज्यादा अनुयायी के पहुंचने की संभावना है। मंदिर परिसर के हॉल में इंतजाम किए गए हैं। डॉ. विशाखा की अंतिम यात्रा 28 नवंबर को प्रेम मंदिर से शुरू हो कर वृंदावन में यमुना तट पर पहुंचेगी।