• मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत छात्रा दीप्ति अग्रवाल को मिला कुलपति के नेतृत्व का अवसर

दैनिक उजाला, मथुरा : उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति फेज 5 के अन्तर्गत महिला सशक्तिकरण हेतु जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम उठाते हुए बीटेक चतुर्थ वर्ष (कंप्यूटर विज्ञान और अभियांत्रिकी) की छात्रा दीप्ति अग्रवाल को एक दिन की कुलपति बनने का अवसर प्रदान किया। यह पहल छात्राओं में नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और निर्णय शक्ति को विकसित करने के उद्देश्य से की गई है।

कार्यभार ग्रहण करने के दौरान दीप्ति अग्रवाल के साथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता भी उपस्थित रहे। उन्होंने दीप्ति को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पहल महिला नेतृत्व को प्रोत्साहन देने का सशक्त माध्यम है। कुलपति ने कहा कि छात्राओं को वास्तविक प्रशासनिक जिम्मेदारी देकर उनमें आत्मविश्वास और प्रबंधन कौशल को विकसित किया जा सकता है। उन्होंने दीप्ति के नेतृत्व में हुई इस पहल की सराहना करते हुए विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भी इस दिशा में सहयोग हेतु प्रेरित किया।

कार्यभार संभालने के बाद दीप्ति अग्रवाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। उन्होंने विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया, शिक्षकों और छात्रों से संवाद किया तथा शिक्षण व्यवस्था से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं। इस दौरान एमबीए के विद्यार्थी तान्या वशिष्ठ और हिमांशु ने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान बहुत कंपनीज प्लेसमेंट के लिए आती हैं और बहुत दिनों की पढ़ाई बाधित हो जाती है। इसमें नवाचार करने की आवश्यकता है। इसके अलावा बीसीए के छात्र हर्ष ने कहा कि विश्वविद्यालय में जिस प्रकार रसायन विभाग में रिसर्च के लिए आधुनिक और अधिकतम व्यवस्थाएं हैं, ऐसी व्यवस्थाएं बीसीए में भी कराये जाने को कहा। छात्रों के सुझावों को अमल में लाये जाने के लिए कुलपति ने विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया।

यह अवसर केवल एक दिन का पद नहीं, बल्कि जीवनभर की सीख : दीप्ति

दीप्ति अग्रवाल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरे लिए यह अवसर केवल एक दिन का पद नहीं, बल्कि जीवनभर की सीख और प्रेरणा है। जीएलए विश्वविद्यालय ने मुझे यह सिखाया है कि नेतृत्व केवल आदेश देने की कला नहीं, बल्कि सबको साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी है। जब मैंने छात्रों की समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के लिए कदम उठाए, तो यह अनुभव मेरे लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा। जीएलए विश्वविद्यालय में शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है, यहां हमें आत्मविश्वास, नैतिकता और व्यवहारिक समझ भी सिखाई जाती है। मुझे गर्व है कि मैं ऐसे संस्थान की छात्रा हूं, जहां बेटियों को न केवल अवसर दिए जाते हैं, बल्कि उन्हें नेतृत्व के लिए तैयार किया जाता है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि मिशन शक्ति फेज 5 के अन्तर्गत महिला सशक्तिकरण हेतु यह पहल छात्राओं को वास्तविक नेतृत्व का अनुभव देती है। जीएलए विश्वविद्यालय सदैव इस सोच के साथ कार्य करता है कि यदि महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर दिया जाए, तो वे समाज और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। दीप्ति का चयन इस बात का प्रमाण है कि हमारी बेटियां आज हर क्षेत्र में अग्रणी हैं।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की शिक्षा नीति ‘नैतिकता और उत्कृष्टता के साथ शिक्षा’ के सिद्धांत पर आधारित है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल शैक्षणिक रूप से सक्षम बनाना नहीं, बल्कि उन्हें नैतिक, संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बनाना भी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *