• चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी। हादसे में 11 की मौत हुई। कोर्ट ने भीड़ प्रबंधन की नीति और आपात योजना पर सवाल उठाए, अगली सुनवाई 10 जून को होगी।

बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ की घटना पर एक स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया। यह घटना रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत के जश्न के दौरान हुई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 जून तक के लिए टाल दी। कर्नाटक हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव की अगुआई वाली डिवीजन बेंच ने इस घटना का खुद संज्ञान लिया। भगदड़ पर सरकार ने कोर्ट को बताया कि 2.5 लाख लोगों की भीड़ जमा थी और कुल 1483 पुलिसकर्मियों की तैनाती थी।

आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ?

हाईकोर्ट: “अगर भविष्य में ऐसी कोई घटना होती है, तो क्या आपके पास कोई तय योजना (SOP) है?”

एडवोकेट जनरल (AG): “यह भविष्य की बात है।”

हाईकोर्ट: “क्या ऐसी घटना होने पर कोई वाहन तैयार हैं? घायलों को किन अस्पतालों में ले जाया जाएगा? यह सब योजना में होना चाहिए।”

एडवोकेट जनरल: “सरकार इसे गंभीरता से ले रही है और एक योजना तैयार करेगी।”

हाईकोर्ट: “जब यह हादसा हुआ, तब क्या एम्बुलेंस मौजूद थीं?”

एडवोकेट जनरल: “हां, लेकिन पर्याप्त नहीं थीं। 2.5 लाख लोग आए क्योंकि बताया गया था कि प्रवेश मुफ्त है।”

हाईकोर्ट: “ये सभी हताहत स्टेडियम में ही हुए?”

एडवोकेट जनरल: “मुख्य प्रवेश द्वार पर।”

हाईकोर्ट: “जब IPL मैच होते हैं, तो क्या व्यवस्था होती है?”

एडवोकेट जनरल: “इवेंट का प्रबंधन RCB करती है। सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उनकी होती है।”

हाईकोर्ट: “क्या उन्होंने अनुमति ली थी?”

एडवोकेट जनरल: “भीड़ बहुत ज्यादा थी, लोग न सिर्फ बेंगलुरु से बल्कि पूरे राज्य और बाहर से भी आए थे।”

हाईकोर्ट: “कितने गेट हैं?”

एडवोकेट जनरल: “कुल 21 गेट हैं और निर्देश थे कि सभी गेट खुले रखे जाएं ताकि लोग अंदर बैठ सकें। लगभग 2 लाख लोग वहां मौजूद थे। हमने जांच शुरू कर दी है, नोटिस जारी किए गए हैं और FIR भी दर्ज की गई है। हम किसी को बख्शने वाले नहीं हैं।”

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, “अखबारों में खबरें छपी हैं कि RCB की जीत के जश्न के दौरान हुई त्रासदी में 11 लोगों की मौत हुई और 75 लोग घायल हुए। इस कोर्ट ने इस घटना का संज्ञान लिया है। वरिष्ठ वकील अरुण श्याम ने कहा कि विधान सौधा और स्टेडियम में दो आयोजन हुए थे। सरकार बताए कि एम्बुलेंस कहां तैनात थीं।”

कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने कहा, “इस त्रासदी का कारण जानने और भविष्य में इसे रोकने के लिए हमने कई लोगों से इस बारे में जानकारी भी प्राप्त की है। हम राज्य सरकार को नोटिस जारी कर रहे हैं। हमने एडवोकेट जनरल से अपनी बात रखी है और उन्होंने एक स्टेटस रिपोर्ट दी है, जिसे रिकॉर्ड में लिया गया है। रजिस्ट्री को इस स्वत: संज्ञान को रिट याचिका के रूप में दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है। मामले को 10 जून, मंगलवार को फिर से सूचीबद्ध करें।”

एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को क्या बताया?

एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि घटनास्थल पर पर्याप्त पुलिस तैनाती थी, लेकिन भीड़ अनुमान से कहीं ज्यादा थी। एडवोकेट जनरल ने कहा, “पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मिलाकर 1483 लोग तैनात थे। स्टेडियम के पास 2.5 लाख से ज्यादा लोग जमा थे। हम इस घटना को लेकर उतने ही चिंतित हैं जितना कोई और। मुख्यमंत्री ने पहला बयान दिया कि मुआवजा दिया जाएगा और घायलों का इलाज होगा। हम कल रात से काम कर रहे हैं। हम किसी भी सुझाव के लिए तैयार हैं।”

वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि RCB खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किसने लिया। उन्होंने कहा, “जो खिलाड़ी देश के लिए नहीं खेल रहे, उन्हें सम्मानित करने की क्या जरूरत थी? भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम या सुरक्षा उपाय थे? यह आपराधिक लापरवाही है। स्टेडियम के सिर्फ तीन गेट खोले गए थे, जबकि इतनी बड़ी भीड़ को समायोजित करने की क्षमता नहीं थी।”

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