• बलदेव वासियों ने एसई और चीफ इंजीनियर तक की शिकायत, लेकिन सबने मूंदी आंख
  • वृंदावन और छाता के एसडीओ एवं अवर अभियंता के खिलाफ लापरवाही पर हुई कार्यवाही पर बलदेव वासी बोले एमडी साहब! यहां तो चीफ इंजीनियर तक ने नहीं सुनी

दैनिक उजाला, बलदेव/मथुरा : विद्युत नगरीय वितरण खंड द्वितीय वृंदावन के कृष्णा ऑर्चिड में विद्युतीकरण कार्य में लापरवाही पर अवर अभियंता एवं कोसी डिवीजन के छाता क्षेत्र में कार्य सही नहीं पाये जाने पर एसडीओ और अवर अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले को देखकर बलदेव वासियों ने भी एमडी से बलदेव में आरडीएसएस के तहत हुए कार्य में भारी लापरवाही बरते जाने को लेकर एमडी से उच्चाधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

बलदेव निवासी सुधीर गोयल ने कहा कि आरडीएसएस के तहत बलदेव में कार्य हुए हैं, लेकिन हुए और न हुए एक बराबर हैं। हाल ए बेहाल करके रख दिया है। इससे बेहतर तो पहले की विद्युत व्यवस्था थी, जो कि ठीक-ठाक लगती थी। अब हुए विद्युतीकरण में भारी लापरवाही इस कदर बरती गयी है कि न जाने क्या बिल्कुल ही उच्चाधिकारियों ने आंख मूंद ली थीं।

मन चाहे जगह खंभे गाढ़े हैं। करोड़ों रूपए का विद्युतीकरण खंभों पर झूल रहा है। पिछले पांच माह से यह कार्य चल रहा है, लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ है। एसई और चीफ इंजीनियर तक को वाट्सएप एवं फॉन कॉल के माध्यम से अवगत कराया गया, लेकिन क्या मजाल किसी ने आंखें खोल कर बलदेव का निरीक्षण एक भी बार किया हो।

बलदेव विकास समिति के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पांडेय कहते हैं कि इस संबंध में ईमेल तथा वाट्सएप एवं कॉल के माध्यम से चीफ इंजीनियर के अलावा तमाम शिकायतें लखनऊ तक की हैं, इसके बावजूद भी किसी उच्चाधिकारी ने आंख खोलकर बलदेव का निरीक्षण करने तक की नहीं सोची।

जगह-जगह हाल बेहाल हैं, कहीं तार लटक रहे हैं तो कहीं खंभे टेडे़ हो गए हैं। ऐसी स्थिति सन् 2017 से पहले थी, लेकिन वर्तमान योगी सरकार ने करोड़ों रूपए विद्युत व्यवस्था को संभालने के लिए खर्च किए, लेकिन अधिकारियों ने इसे आईना दिखाया है। खंभे उसी दिन लगाए गए जिस दिन तारकसी होनी थी। इसी कारण नए खंभे अपनी जगह छोड़ चुके हैं। उनके गढ्ढ़ों को भरने के लिए लगाया गया सीमेंट दरार दे चुका है, जिसमें जमकर बारिश का पानी पहुंचा।

यही नहीं आरडीएसएस के कार्यों की लापरवाही को देखते हुए होली वाला मौहल्ला, मुख्य बाजार आदि जगह लोगों ने रोष जताया और कार्यदायी संस्था के ठेकेदारों से बहस भी हुई, लेकिन उच्चाधिकारियों ने फिर भी नहीं देखा।

एक्सईएन गौरव कुमार ने बताया कि आरडीएसएस का कार्य अभी बाकी है। जहां रह गया है, वहां कराया जायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

banner