दैनिक उजाला, बलदेव : योगीराज भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के बाद अब उनके बड़े भाई बलदाऊ जी के जन्मोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। बलदेव जी का जन्मोत्सव छठ के दिन 9 सितम्बर को मनाया जाएगा। लेकिन प्रशासन द्वारा मंदिर में जन्मोत्सव की तैयारियां न कराने से बलदेव वासी आहत हैं। जबकि मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में प्रशासन पूरी जिम्मेदारी के साथ काम का निर्वहन करता है। लेकिन दाऊजी महाराज मंदिर में प्रशासनिक तैयारियां फीकी पड़ी हैं।

मथुरा में बलदेव स्थित दाऊजी महाराज प्राचीन और भव्य मंदिर है। यहां रोजाना की संख्या में हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ब्रज के राजा के नाम से जानने वाले श्री कृष्ण भगवान के बड़े भ्राता श्री बलदेव (दाउजी ) महाराज का जन्मोत्सव बलदेव छठ 9 सितम्बर को धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।

भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी
इस अवसर के लिए मंदिर में तैयारियां जोरों पर हैं। बलदेव छठ महोत्सव मुख्य कार्यक्रम 9 सितम्बर को विशेष अभिषेक और हीरा जेवरात के साथ श्री दाऊजी महाराज का विशेष श्रंगार वस्त्र विशेष रूप से जन्मोत्सव के लिये तैयार हो रहें हैं। जिन्हें वह धारण करेगें। मंदिर में शहनाई वादन, विशेष श्रंगार दर्शन, हलधर सहस्त्र नाम पाठ वेदपाठी पंडितों द्वारा बलभद्र हवन यज्ञ होगा। जन्मोत्सव पर अभिषेक और दिव्य हीरा जेवरात के दर्शन होंगे। शाम को विशाल भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।

मंदिर पुजारी रामनिवास शर्मा ने बताया प्राचीन परम्परा के अनुसार दधिकाधौं महोत्सव 9 सितम्बर को होगा। जिसमें लाला की छीछी के रुप में दही माखन, हल्दी, फल, नारियल प्रसाद स्वरूप लूटाया जायेगा। सभी‌ कार्यक्रमों की तैयारियां पूरी तरह से जोरों पर हैं।

बलदेव छठ पर लाखों श्रद्धालु उमड़ेंगे
बलदेव वासियों और ब्रजवासियों में बलदेव जन्मोत्सव के लिये विशेष जोश और उत्साह दिखाई दे आ रहा है। सभी ब्रज के राजा श्री दाऊजी महाराज का जन्मोत्सव मनाने के लिये तैयारी कर रहे हैं।

बलदेव विकास समिति अध्यक्ष ज्ञानेंद्र पांडेय, ब्रजेश पांडेय, ‌खूबीराम पांडेय ने कहा कि ब्रज की शान ब्रज के राजा बलदेव नगर की उपेक्षा प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि केवल मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन ही ब्रज में हैं, धार्मिक स्थल बलदेव की हर बार उपेक्षा की जा रही हैं। बलदेव छठ पर लाखों श्रद्धालु उमड़ेंगे। इसकी कोई तैयारी नहीं होने से नगरवासी आहत हैं।

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