- दक्षिण कोरिया के प्योंगटेक विश्वविद्यालय के साथ जीएलए विश्वविद्यालय ने किया करार
दैनिक उजाला संवाद, मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने शैक्षणिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए दक्षिण कोरिया के प्योंगटेक विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस करार के माध्यम से दोनों विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में बेहतर कार्यों की रूपरेखा को लेकर आगे बढें़गे तथा विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा दिलाने पर ध्यान केन्द्रित करेंगे।
बीते दिनों जीएलए विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह के लिए दक्षिण कोरिया के प्योंगटेक विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित अतिथियों की मेजबानी की। प्योंगटेक विश्वविद्यालय के सम्मानित प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष प्रो. डोंग ह्योन ली, अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय के डीन और ग्रेजुएट काउंसलिंग के प्रो. म्युंग हो चा और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के अकादमिक सलाहकार डॉ. जयदीप सी. मेहता शामिल थे। जीएलए में आयोजित यह कार्यक्रम दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो कि सहयोगी अवसरों का मार्ग प्रशस्त करता है।
जीएलए के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, शोध एवं विकास के डीन प्रो. कमल शर्मा, अकादमिक मामलों के डीन प्रो. आशीष शर्मा, अंतर्राष्ट्रीय संबंध एवं अकादमिक सहयोग (आईआरएसी) के डीन प्रो. दिलीप कुमार शर्मा, मैकेनिकल विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल, प्रो. भूपेन्द्र सिंह चौहान सहित अन्य महत्वपूर्ण प्रमुखों और डीआईआरएसी समन्वयकों के साथ इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रो. दिलीप कुमार शर्मा ने बताया कि जीएलए के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह एवं प्योंगटेक विश्वविद्यालय के सम्मानित प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष प्रो. डोंग ह्योन ली के हस्ताक्षर के बाद एमओयू प्रभावी हुआ है। हस्ताक्षर के दौरान दोनों विश्वविद्यालयों ने बेहतर शिक्षा के क्षेत्र में एक साथ चलने का बीड़ा उठाया है।
समझौता ज्ञापन का उद्देश्य मार्गदर्शन और सहायता के माध्यम से नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देना, संयुक्त रूप से सम्मेलन, सेमिनार, कार्यशालाएं और वेबिनार आयोजित करना, संकाय और शोध विद्वानों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करना, संयुक्त शोध गतिविधियां और व्याख्यान आयोजित करना, शैक्षणिक बैठकों में भागीदारी को प्रोत्साहित करना और शैक्षणिक सामग्री और सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है।
यह समझौता नेटवर्किंग और कनेक्टिविटी को भी बढ़ाता है, विशेष अल्पकालिक शैक्षणिक कार्यक्रम विकसित करता है, नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देता है और औद्योगिक सुरक्षा, अर्धचालक, आईटी, एआई और वीआर, इंजीनियरिंग, जीवन विज्ञान और मानविकी जैसे क्षेत्रों में ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। जीएलए विश्वविद्यालय एक उपयोगी सहयोग और इस साझेदारी से आने वाली कई संभावनाओं का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।